Sunday, September 8, 2024
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फसल बोने से पहले कर लें छोटा सा यह काम, मिट्टी उगलेगी सोना

मिट्टी की जांच: उर्वरकों के अधिक इस्तेमाल से मृदा स्वास्थ्य पर बढ़ रहा खतरा

आजकल किसानों के लिए मिट्टी की जांच कराना बहुत महत्वपूर्ण है। बिना मिट्टी की जांच किए, उर्वरकों का इस्तेमाल करने से मृदा स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और फसल की पैदावार भी कम होती है। इसलिए, हर किसान को हर 6 महीने में अपनी मिट्टी की जांच करानी चाहिए।

मिट्टी की जांच कराने के लिए किसानों को एक नमूना लेना होता है। नमूना लेते समय ध्यान रखना चाहिए कि खेत में ज्यादा नमी न हो और नमूना लेते वक्त उसे छाया में रखकर सुखा लेना चाहिए। नमूना लेते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि नमूना लेने की जगह पर कोई पेड़, सिंचाई वाली नाली या फिर फसल न हो।

मिट्टी का नमूना लेने के बाद, उसे प्रयोगशाला में भेजने के लिए उसमें किसान का नाम, गांव का नाम, खेत की पहचान, खसरा संख्या, विकासखंड और तहसील का नाम लिखना चाहिए। इसके अलावा, किसान को थैली पर यह भी लिख देना चाहिए कि अब खेत में अगली फसल कौन सी ली जाएगी।

इस तरह, मिट्टी की जांच कराने से किसान अपनी मिट्टी की स्वास्थ्य को सुनिश्चित कर सकता है और उर्वरकों का सही उपयोग करके अच्छी पैदावार हासिल कर सकता है। इससे न केवल उनकी फसलें स्वस्थ रहेंगी, बल्कि उन्हें आर्थिक भी फायदा होगा।

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