खरीफ के दौरान यूरिया और डीएपी की किल्लत के आसार नहीं दिख रहे, रिपोर्ट के अनुसार उपलब्धता में वृद्धि। 2.98 लाख टन डीएपी का वितरण पूरा, 4.24 लाख टन की कमी की मंशा।
खरीफ के दौरान उर्वरक की किल्लत के बारे में खबरें सुनने में आ रही हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार स्थिति बेहतर दिख रही है। यूरिया और डीएपी के संतुलित उपयोग के लिए कृषि विभाग ने कई कदम उठाए हैं।
उर्वरक की उपलब्धता और खपत का अनुमान
इस वर्ष के खरीफ के दौरान 57.02 लाख टन उर्वरक की खपत का अनुमान है, जिसके सापेक्ष उपलब्धता मौजूद है। इस अवधि तक 36.15 लाख टन का बफर स्टाक है, जो पिछले वर्ष से अधिक है।
यूरिया और डीएपी की खपत
यूरिया और डीएपी की खपत का अनुमान 38 लाख टन और 9.05 लाख टन है। इस अवधि तक 2.98 लाख टन डीएपी का वितरण पूरा हो चुका है, जबकि यूरिया का 11.96 लाख टन का वितरण किया गया है।
मंशा की कमी
विभाग की मंशा खरीफ के दौरान यूरिया और डीएपी के प्रयोग में 4.24 लाख टन की कमी लाने की है। इस बार लक्ष्य को घटाकर 35.13 लाख टन यूरिया और 7.17 लाख टन डीएपी का वितरण किया जाएगा।
इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि कृषि विभाग ने उर्वरक की किल्लत को देखते हुए सक्रिय कदम उठाए हैं और किसानों को सही समय पर उर्वरक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। यह उन्हें समर्थन और सुरक्षा भी देता है कि उर्वरक की कमी से किसानों को कोई नुकसान न हो।