भाजपा की सीटें घटने के कारण: उत्तर प्रदेश में क्यों हुई कमजोरी?
उत्तर प्रदेश में भाजपा की क्यों कमजोर हुई पकड़
Opinion: लोकसभा के चुनाव में उत्तर प्रदेश में सीटें कम मिलने के कारण भाजपा बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पायी। इसके बारे में कई तरह की बातें कही जा रही हैं। दरअसल प्रदेश और देश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बढ़ती लोकप्रियता से उनके मंत्रिमंडल के ही कुछ लोग परेशान से हैं।
लालसा भी हिलोरें मार रही
इन मंत्रियों की मुख्यमंत्री बनने की लालसा भी हिलोरें मार रही है। जाने-अनजाने में कुछ केन्द्रीय नेताओं का भी इन्हें संरक्षण मिल रहा था। ये लोग नहीं चाहते थे कि योगी की लोकप्रियता बढ़े। इसलिए लोकसभा के चुनाव में भाजपा को जिताने और बढ़ाने में इनकी कोई विशेष सक्रियता भी दिखायी नहीं पड़ी।
अब पार्टी संगठन एक टास्क फोर्स बनाकर इसके कारणों की छानबीन कर रहा है। प्रदेश में भाजपा की सीटें घटने के कई कारण बताए जा रहे हैं। पहला कारण दो बार लगातार चुनाव जीतने वाले सांसदों का अपने क्षेत्र में कार्यकताओं व जनता से सम्पर्क टूट गया था। यदि आप सांसद या विधायक हैं तो आपको अपने क्षेत्र का बराबर दौरा करना चाहिए। लोगों के दुःख दर्द में शामिल होना चाहिए। उनकी समस्याएं जाननी चाहिए।
सम्पर्क साधने की जरूरत नहीं समझी
जनता आप से यही अपेक्षा करती है। ये लोग मोदी और योगी के सहारे चुनाव जीतने की उम्मीदें लगाये बैठे थे, इसलिए अपने क्षेत्रों में जनता से सम्पर्क साधने की जरूरत नहीं समझी। ये लोग अपने घर पर ही ठेका-पट्टा पाने वालों का दरबार लगाते रहे। ऐसे लोगों को दोबारा टिकट देने वाले नेता भी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। दूसरा बड़ा कारण भाजपा प्रदेश और जिला संगठन भी जनता से दूर हो गया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कितने जिलों में संगठन को मजबूत करने के लिए कितनी बार दौरा किया, इसका कोई ब्यौरा पार्टी संगठन के पास नहीं है। प्रदेश में पार्टी का आई.टी. सेल पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। यही कारण है कि ग्रामीण अंचलों में असंतुष्ट प्रधानों, उप प्रधानों, पूर्व प्रधानों और प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों के जरिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योगी सहित कई नेताओं के फेक (फर्जी) वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाये गये। ब्राह्मणों ठाकुरों को लड़ाया गया, दलितों और पिछड़ों को भरमाया गया। इनके जरिए आरक्षण खत्म करने से लेकर संविधान बदलने तक की बातें तक कही गयीं।
समर्थकों के नाम मतदाता सूची से नहीं कटते
जिसका प्रदेश भाजपा का आईटी सेल कोई जवाब नहीं दे पाया। हर लोकसभा और विधानसभा चुनावों के छह महीने पहले ही मतदाता सूची का पोलिंग, बूथ स्तर पर संशोधन और परिवर्धन होता है। यदि भाजपा संगठन के कार्यकर्ता अपनी-अपनी पोलिंग बूथों पर सक्रिय रहते तो हजारों भाजपा समर्थकों के नाम मतदाता सूची से नहीं कटते। विपक्षी दलों के सामने अपने अस्तित्व को बचाये रखने का सवाल था इसलिए वे करो या मरो के संकल्प के साथ चुनाव लड़ रहे थे उन्होंने हर तरह के छल प्रपंच को किया जो वे कर सकते थे। इसका भी अंदाजा भाजपा का प्रदेश और जिला संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता नहीं लगा सके।
पार्टी स्तर पर कोई प्रयास नहीं
कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी का गारंटी कार्ड का फार्म अल्पसंख्यक, अशिक्षित और निर्धन महिलाओं से भरवाया गया। उन्हें डर था कि तीन तलाक के मामले खत्म करने के कारण ये महिलाएं भाजपा को वोट दे सकती हैं। काट के लिए पार्टी स्तर पर कोई प्रयास नहीं किया गया। पन्ना प्रमुखों की तमाम जिलों में फर्जी सूची बनायी गयी जो वास्तव में कहीं थे ही नहीं। कई उम्मीदवारों ने इसकी शिकायत भी की है। यदि वास्तव में पन्ना प्रमुख होते तो उनके मोबाइल फोन नम्बरों के जरिए इन फर्जी वीडियो का आईटी सेल जवाब दे सकता था। कुल मिलाकर फेक वीडियो और अफवाहों का जमीनी स्तर पर भाजपा का संगठन कोई जवाब नहीं दे सका और पार्टी कई जगह चुनाव हार गयी।
हालांकि जो काम विपक्षी दलों का आईटी सेल कर रहा था वह भाजपा का आईटी सेल कर सकता था। पर उसे तो पता ही नहीं चला और उसके पास ग्रामीण क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के नम्बर भी नहीं होंगे। बहरहाल पार्टी संगठन इस हार की समीक्षा के लिए बनाई गई टास्क फोर्स के सूचनाओं का इंतजार कर रही है। पर यहां सवाल यह उठता है कि क्या कोई संगठन खुद अपनी कमियों को स्वीकार करेगा? इस टास्क फोर्स के काम के लिए दूसरे राज्यों के लोगों को लगाया गया होता तो शायद सही जानकारी सामने आती। लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश में 2019 में उसे जहां 62 सीटें मिली थीं, वहीं 2024 के आम चुनाव में 33 पर संतोष करना पड़ा है। भाजपा को उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में 29 सीटें कम मिलने की पूरे देश में चर्चा है।
निरंकार सिंह: (लेखक वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक हैं. ये उनके अपने विचार हैं।)